About Mahatma Gandhi Essay For Students
Let’s read interesting about mahatma gandhi essay
महात्मा गांधी जी अहिंसावादी व्यक्ति थे, सभी भारतीय उनके अहिंसावादी विचारधारा से प्रभावित होकर बड़े स्तर पर उनका समर्थन किया। गांधी जी की अहिंसावादी विचारधारा और वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
गांधी जी के बारे में कुछ खास बातें…
महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।
मोहनदास करमचंद गांधी जी को “बापू” और “ राष्ट्रपिता ” के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
पहली बार गांधी जी को “बापू” बोल कर, राजवैद्य जीवराम कालिदास ने 1915 में संबोधित किया था।
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869, मे गुजरात के पोरबंदर मे हुआ था।
गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था, वह काठियावाड़ मे पोरबंदर के दीवान थे ।
महात्मा गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था।
गांधी जी के पिता धार्मिक रूप से हिंदू और मोध जाति के बनिया थे।
गांधी जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट मे की थी।
महात्मा गांधी जी ने वकालत की शिक्षा लंदन से संपूर्ण की थी।
गांधी जी के दो भाई और एक बहन थी, वह सबसे छोटे भाई थे।
महात्मा गांधी जी का विवाह 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा से हुआ था।
माधव देसाई, गांधी जी के निजी सचिव और करीबी थे।
महात्मा गांधी जी की हत्या 30 जनवरी 1948 में बिड़ला हाउस के परिसर में हुई थी।
हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जी का जन्मदिन “अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस” के रूप मे पुरे विश्व में मनाया जाता है।
महात्मा गांधी द्वारा आंदोलन
असहयोग आंदोलन
सितम्बर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य महात्मा गांधी तथा भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया गया था।
जलियांवाला बाग नर संहार सहित अनेक घटनाओं के बाद गांधी जी को बोध हो गया था की ब्रिटिश राज में न्याय मिलने की कोई संभावना नहीं है।
असहयोग आंदोलन अत्यंत सफल रहा, क्योंकि सभी लाखों भारतीयों का समर्थन मिला। इस आंदोलन से ब्रिटिश राज को भारी आघात पंहुचा।
नमक सत्याग्रह
अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से 12 मार्च 1930 में नमक सत्याग्रह के लिए दांडी यात्रा शुरू की गयी थी।
महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ने के लिए “दांडी मार्च” को सत्याग्रह बनाया।
महात्मा गांधी ने दांडी में पहुंचकर अवैध तरीके से नमक बनाया और ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को चुनौती दी। परिणाम में यह एक बड़ा नमक सत्याग्रह बना।
भारत छोड़ो आंदोलन
महात्मा गांधी ने अगस्त 1942 में ” भारत छोड़ो आंदोलन ” की शुरूआत की थी।
‘करो या मरो’ के रणहुंकर के साथ महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध बड़ा आंदोलन छेड़ने का तय किया।
” भारत छोड़ो आंदोलन ” के दौरान नेता जी सुभाष चंद्र बोस, कलकत्ता में ब्रिटिश सरकार को चकमा देकर विदेश पहुंच गए और आजाद हिंद फौज का स्थापना की।

” भारत छोड़ो आंदोलन ” के बाद ब्रिटिश सरकार के सरकारी संस्था’नों और अन्य स्थानों पर बड़े स्तर पर हिंसा शुरू हो गई थी और ” भारत छोड़ो आंदोलन ” ने सभी भारतीयों को संगठित कर दिया।
आंदोलन के सामने हार कर ब्रिटिश सरकार ने तय किया कि सत्ता भारतीयों के हाथ में सौंप देना चाहिए।
चंपारण सत्याग्रह
ब्रिटिश सरकार गरीब किसानो से बहुत कम मूल्य पर बलपूर्वक नील की खेती करा रही थी।
किसान अंग्रेजों के साथ-साथ अपने जमींदारों के अत्याचार को झेलने को मजबूर हो गए थे।
राजकुमार शुक्ला के आवेदन पर महात्मा गाँधी अप्रैल 1917 में बिहार के चंपारण पहुँचे थे।
चंपारण सत्याग्रह महात्मा गाँधी के नेतृत्व में देश का पहला सत्याग्रह आंदोलन था।
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